आज सभी को इंटरनेट के बारे मे तो पता ही होगा की इंटरनेट से हम बहुत सारे काम को आसानी से कंप्यूटर के माध्यम से कर सकते है। लेकिन शायद कम ही लोग ऐसे होगे की जिन्होने इंटरनेट को जन्म देने वाले, इन्टरनेट के पिता “टिम बर्नर्स-ली” के बारे मे पता होगा।
इंटरनेट के रचयिता कौन है ?
इंटरनेट के रचयिता “टिम बर्नर्स-ली” (Tim Berners-Lee ) है, उनका जन्म 1955 मे 8 जून लंडन, इंगलेंड मे हुआ। उनके माता-पिता ने कंप्यूटर विज्ञान मे सिद्धि हासिल की थी, और वह व्यावसायिक रूप से बने हुए कंप्यूटर पर अपना काम करते थे।
टिम बर्नर्स-ली ने साल 1973 से 1976 के दौरान अपनी कॉलेज की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड के द क्वीन्स कॉलेज में की, जहाँ पर उन्होंने बेचलर ऑफ आर्ट्स और भौतिक विज्ञान मे डिग्री हासिल की, उन्होने यह स्नातक की डिग्री मे प्रथम श्रेणी का स्थान प्राप्त किया।
स्नातक की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद, बर्नर्स-ली ने इंजीनियर के रूप दूरसंचार कंपनी प्लेसी मे काम करने लगे थे, जो कंपनी पोले, डोर्सेट में स्थित है।
टिम बर्नर्स-ली ने विश्वविद्यालय में रहते हुए, एक पुराने टेलीविजन सेट से एक कंप्यूटर बनाया, जिसे उन्होंने एक टीवी मरम्मत करने वाले की दुकान से खरीदा था।
टिम बर्नर्स-ली का कैरियर और अनुसंधान :
उन्होने 25 साल की उम्र मे CERN नाम की संस्था मे साल 1980, जून से डिसेम्बर मास तक एक स्वतंत्र contractor के रूप मे काम किया था।
CERN का काम छोड़ देने के बाद वह जीनेवा मे रहते थे, वह डोरसेट के बोर्नमाउथ में जॉन पोले की इमेज कंप्यूटर सिस्टम्स लिमिटेड में काम करने गए, वहा उन्होंने तीन साल तक कंपनी के तकनीकी पक्ष को चलाया।
तब उन्होने शोधकर्ताओं के सामने जानकारी साझा करने और अद्यतन करने की सुविधा के लिए हाइपरटेक्स्ट की अवधारणा पर आधारित एक परियोजना का प्रस्ताव रखा। इनके इस काम को चलाने के लिए उन्होने एक ENQUIRE नाम का एक प्रोटोटाइप सिस्टम बनाया।
जिस प्रोजेक्ट पर उन्होंने काम किया, वह “रियल-टाइम रिमोट प्रक्रिया कॉल” था, जिसने टिम बर्नर्स-ली को कंप्यूटर नेटवर्किंग में अनुभव दिया।
टिम बर्नर्स-ली साल 1984 में, उनकी पहली वाली कंपनी थी जिसमे काम करते थे वह CERN कंपनी में एक साथी के रूप में काम करने के लिए फिरसे चले आए।
www और Internet Browser की खोज कब हुई ?
साल 1989 में वर्ल्ड वाइड वेब World Wide Web जिसे हम www कहते है, जिसका आविष्कार टिम बर्नर्स-ली ने किया था। उन्होंने 1990 में पहला वेब क्लाइंट और सर्वर लिखा। यूआरएल, एचटीटीपी और एचटीएमएल(URL, HTTP & HTML) के उनके विनिर्देशों को वेब तकनीक के प्रसार के रूप में परिष्कृत किया गया।
इसे चलाने के लिए साल 1990 मे वेब ब्राउज़र सॉफ्टवेर को बनाया गया। आप जानते ही होगे की इंटरनेट को चलना होगा तो हमे वेब ब्राउज़र (Google Chrome) की जरूरत पड़ेगी।
साल 1993 में, “मोज़ेक” Mosaic नाम का सॉफ्टवेर बनाने के साथ एक ऐतिहासिक वर्ष था, क्यूंकी जिसे दुनिया सबसे पहला लोकप्रिय ब्राउज़र के रूप में श्रेय दिया गया था।
टिम बर्नर्स-ली वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) के निदेशक हैं, जो 1994 में स्थापित एक वेब मानक संगठन है जो वेब को अपनी पूर्ण क्षमता तक ले जाने के लिए अंतर तकनीक (विनिर्देशन, दिशानिर्देश, सॉफ्टवेयर और उपकरण) विकसित करता है।
टिम बर्नर्स-ली वर्ल्ड वाइड वेब फाउंडेशन के एक निदेशक हैं जो मानवता को लाभान्वित करने के लिए वेब की क्षमता को आगे बढ़ाने के प्रयासों के समन्वय के लिए 2009 में शुरू किया गया था।
वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रयोगशाला में कंप्यूटर विज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (CSAIL) के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान विभाग में एक संयुक्त नियुक्ति के साथ इंजीनियरिंग स्कूल में इंजीनियरिंग के 3Com संस्थापक प्रोफेसर हैं। -लगता है विकेन्द्रीकृत सूचना समूह (DIG)।
विकेन्द्रीकृत सूचना समूह, लोगों को अपने स्वयं के डेटा को नियंत्रित करने और वेब को फिर से विकेंद्रीकृत करने के लिए ठोस परियोजना पर काम करता है। वह सॉलिड प्लेटफॉर्म और उसके ओपन सोर्स कम्युनिटी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए और उसका समर्थन करने वाले इकोसिस्टम के निर्माण के लिए लॉन्च की गई कंपनी, इनफॉर्मेशन के सह-संस्थापक और सीटीओ हैं।
2001 में वह रॉयल सोसाइटी के फेलो बन गए। उन्हें जापान पुरस्कार, द अस्टुरियस फाउंडेशन पुरस्कार के राजकुमार, मिलेनियम टेक्नोलॉजी पुरस्कार और जर्मनी के डाई क्वाड्रिगा पुरस्कार सहित कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
साल 2004 में उन्होंने एच.एम. क्वीन एलिजाबेथ और 2007 में उन्हें “ऑर्डर ऑफ मेरिट” से सम्मानित किया गया था।
साल 2009 में उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज का विदेशी सहयोगी चुना गया। वह “वीविंग वेब” के लेखक हैं।
साल 2013 में 18 मार्च को, टिम बर्नर्स-ली ने विंटन सेर्फ़, रॉबर्ट काह्न, लुई पॉज़िन और मार्क एंड्रीसेन के साथ, इंजीनियरिंग के लिए क्वीन एलिजाबेथ पुरस्कार (Queen Elizabeth Prize for Engineering) से सम्मानित किया, “इंजीनियरिंग में ज़मीनी तोड़ने वाले नवाचार के लिए, जो मानवता के लिए वैश्विक लाभ के लिए किया गया है।”
टिम बर्नर्स-ली ने वैश्विक स्तर पर खुले सरकारी आंकड़ों को बढ़ावा दिया है और नेट न्यूट्रैलिटी, गोपनीयता और वेब के खुलेपन जैसे अधिकारों के लिए लड़ने में समय बिताया है।
टिम बर्नर्स-ली को 4 अप्रैल साल 2017 “एसीएम ए.एम. ट्यूरिंग पुरस्कार” वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार, पहला वेब ब्राउज़र, मूलभूत प्रोटोकॉल और एल्गोरिदम वेब को स्केल करने की अनुमति देते हैं, के लिए उनको पुरस्कार दिया गया।
ट्यूरिंग पुरस्कार, जिसे “कम्प्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार” कहा जाता है, कंप्यूटर विज्ञान के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है।
यह इंटरनेट के रचयिता “टिम बर्नर्स-ली” (Tim Berners-Lee) के बारे मे हमारे द्वारा दी गयी बेसिक जानकारी थी, हमारी कोशिश रहेगी की आप हमारे इस आर्टिकल के द्वारा कुछ नया जाने। हमारी वेबसाइट पर इस तरह के दूसरे भी आर्टिकल है, आपको अगर अच्छा लगे तो आप उसे भी पढ़ सकते है।